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भारत कितना सुरक्षित? भारत पर आतंकी हमले..: भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, पर क्या हम सुरक्षित हैं? 26/11 से कारगिल और 1962 तक सुरक्षा तंत्र की कमजोरियाँ

भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, पर क्या हम सुरक्षित हैं? 26/11 से कारगिल और 1962 तक सुरक्षा तंत्र की कमजोरियाँ

भारत ने कभी किसी भी देश पर हमला नहीं किया. लेकिन हम कितने सुरक्षित हैं? कहते हैं शांति तभी आती है जब आप ताकतवर हों. भारत इस बात को आज तक समझ नहीं पाया है इसलिए लगातार दुश्मन देशों के हमलों से घायल होता रहा है.

26/11 मुम्बई हमला:
वे लोग नाव में बैठ कर आए थे, ठीक हमारी सुरक्षा एजेंसियों की नाक के नीचे. वे बेखौफ थे और हमारी पुलिस उलझन में थी. उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे और काफी मात्रा में थे, हमारे सुरक्षा अधिकारियों के पास बंदुकें भी नहीं थी.आला अधिकारी आए तो उनके पास ढंग की बुलेटप्रुफ जैकेट भी नहीं थी. एटीएस चीफ की मृत्यु गोली लगने से हुई और वह गोली उनकी बुलेटप्रुफ जैकेट को भेद कर उनके शरीर में गई थी.3 दिन तक मुम्बई सहित पूरा देश आतंकवादियों के कब्जे में रहा. एनएसजी को भी आतंकवादियों से पार पाने में 60 घंटे लग गए और जब सब खत्म हुआ तो पता चला कि सचमुच में सबकुछ खत्म हो गया है. भारत ने अपनी साख और आत्मविश्वास खो दिया.

1992 के मुम्बई धमाके:
यह देश की आर्थिक राजधानी पर हमला था. टाइगर मेमन और उनके गुर्गों ने बाबरी मस्जिद ध्वंस का बदला लेने के लिए मुम्बई में सीरियल धमाके किए. इस तरह की आतंकी घटना को देश ने पहली बार महसूस किया. पिछले 10 वर्षों में भारत की आतंकवाद-रोधी नीति में बड़ा बदलाव: एक आम आदमी की  समझ | विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन

कारगिल हमला:
वे लोग आराम से नियंत्रण रेखा पार कर देश में घुसे और भारत के ही बनाए बंकरों में अपना अड्डा जमाया. हमारा खुफिया तंत्र सोता रहा और सुरक्षा एजेंसियों को तब तक इस बात की भनक नहीं लगी जब तक एक गरडिए ने इसकी सूचना ना दे दी.इसके बाद भारत ने अब तक की सबसे मुश्किल और हारी हुई लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की.